भयावह भविष्य
Sun, 05 Oct 2014
अगर इंसान प्राकृतिक संसाधनों के इस्तेमाल में सूझबूझ का इस्तेमाल नहीं करेगा तो आने वाली पीढि़यों के लिए ये जरूरतें पूरी करनी मुश्किल हो जाएंगी।
आबादी
तेज वृद्धि दर संसाधनों पर दबाव बढ़ाएगी।
7.2 अरब 2013 में
9.6 अरब 2050 में
शहरीकरण
ज्यादा आबादी अब शहरों में रहती है।
3.6 अरब लोग 2011 में
6.3 अरब लोग 2050 में
जंगल से लाभ
जंगल की पारिस्थितिकी दो अरब से अधिक लोगों के लिए रहने का सहारा, आजीविका, जल, ईधन और खाद्य सुरक्षा प्रदान करती है।
खाद्यान्न उत्पादन
खाद्य उत्पादन के मद में दुनिया का 70 फीसद पानी और 30 फीसद ऊर्जा का इस्तेमाल होता है।
ऊर्जा उत्पादन
औद्योगिक देशों में 45 फीसद स्वच्छ जल का इस्तेमाल ऊर्जा पैदा करने में किया जाता है।
समुद्री पारिस्थितिकी
वैश्विक रूप से 66 करोड़ से ज्यादा लोगों को रोजगार मुहैया करने में मददगार है।
पेयजल
धरती पर बसे प्रमुख एक तिहाई शहर पेयजल के लिए प्राकृतिक भंडार पर आश्रित हैं।
पर्यावरण नुकसान लागत
दुनिया में पर्यावरण को हो रहे नुकसान की लागत 2008 में करीब 6.6 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर थी। यह विश्व की जीडीपी का 11 फीसद है।
पेयजल मांग
2030 तक स्वच्छ जल की मांग वर्तमान आपूर्ति के मुकाबले 40 फीसद अधिक होगी।
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